Reasons Of Eating Dahi Chura on Makar Sankranti : हर त्यौहार के अपने रीति-रिवाज और परंपराएं होती हैं। कुछ मामलों में, भोजन और पेय एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। बिहार में मकर संक्रांति पर खाया जाता है दही चूड़ा, क्या आप जानते हैं वजह?
मकर संक्रांति का त्यौहार 14 जनवरी को मनाया जाता है, हालाँकि कुछ वर्षों से यह त्यौहार 15 जनवरी को मनाया जाता है। इस त्यौहार को उत्तरायण और संक्रांति के नाम से भी जाना जाता है। यह त्यौहार प्रकृति में परिवर्तन का प्रतीक है। इस दिन से ठंड कम होने लगती है.
दही चूड़ा बिहार में खाया जाता है
बिहार में दही चूड़ा खाने का रिवाज है. इस चुरा या चिवड़ा को दही और गुड़ के साथ मिलाकर खाया जाता है. यह बिहार का प्रसिद्ध नाश्ता है, जिसे मकर संक्रांति पर खाना शुभ माना जाता है।
क्यों खाते हैं दही चूड़ा?
बिहार में मकर संक्रांति के त्योहार पर दही चूड़ा बड़े चाव से खाया जाता है. मान्यता है कि इस दिन सुबह इसे खाने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है। दही चूड़ा को तिल के लड्डू और गजक के साथ खाया जाता है. माना जाता है कि दही चूड़ा के कई स्वास्थ्य लाभ भी होते हैं।
दही-चूड़ा फायदेमंद होता है
सुबह के समय दही चूड़ा खाना स्वास्थ्यवर्धक माना जाता है क्योंकि इसमें अच्छी मात्रा में फाइबर होता है और यह शरीर को तुरंत ऊर्जा प्रदान करने में मदद करता है। यह पाचन तंत्र में भी मदद करता है और कब्ज जैसी पेट संबंधी बीमारियों से बचाता है। इस मिश्रण में मौजूद दही एक प्रोबायोटिक तत्व है जिसमें कैल्शियम होता है, जो हड्डियों को मजबूत बनाता है।
रात में खिचड़ी खाई जाती है
मकर संक्रांति के दिन नाश्ते में दही चूड़ा खाया जाता है, जबकि बिहार और उत्तर प्रदेश में रात के खाने में खिचड़ी खाई जाती है.