Ramlala Pran Pratishtha : सनातन धर्म में गणेश अंबिका पूजा का विशेष महत्व है। हर शुभ कार्य को करने से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है। इस समय भगवान गणेश और जगत जननी देवी आदिशक्ति की पूजा की जाती है। इससे कार्य में सफलता मिलती है। इसलिए पांच दिवसीय अनुष्ठान के दूसरे दिन रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा से पहले गौरी अंबिका पूजा की जाएगी.
मासिक दुर्गाष्टमी हर माह शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। मासिक दुर्गाष्टमी पोष माह में 18 जनवरी को पड़ती है। इस दिन ही पूर्ववर्ती पांच दिवसीय अनुष्ठान (रामलला की मूर्ति का अभिषेक) में गणेश अंबिका पूजा की जाएगी। जिसमें भगवान गणेश और मां दुर्गा की पूजा की जाएगी. सनातन धर्म में गणेश अंबिका पूजा का विशेष महत्व है। हर शुभ कार्य को करने से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है। इस समय भगवान गणेश और जगत जननी देवी आदिशक्ति की पूजा की जाती है। इससे कार्य में सफलता मिलती है। इसलिए पांच दिवसीय अनुष्ठान के दूसरे दिन रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा से पहले गौरी अंबिका पूजा की जाएगी. ज्योतिष के अनुसार गणेश अंबिका की पूजा पर दुर्लभ सिद्ध योग समेत 5 अद्भुत संयोग बन रहे हैं। इन योगों में मां गौरी के साथ भगवान गणेश की पूजा करने से कई गुना फल मिलेगा। आइए जानते हैं शुभ योग के बारे में
सिद्ध योग |Ramlala Pran Pratishtha
ज्योतिषाचार्य के अनुसार गणेश अंबिका पूजा के दिन सिद्ध योग बन रहा है। इस योग में गणेश अंबिका की पूजा की जाएगी. दुर्लभ सिद्ध योग दोपहर 02 बजकर 48 मिनट तक है। इसके बाद साध्ययोग बन रहा है।
सर्वार्थ सिद्धि योग
रामललानी की मूर्ति के अभिषेक से पहले 5 दिवसीय अनुष्ठान के दूसरे दिन सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है. इस योग का निर्माण सुबह 07:15 बजे से दोपहर 02:58 बजे तक है. इस योग में ही गणेश अंबिका की पूजा की जाएगी।
शुभ करण एवं भद्रावास योग
गणेश अंबिका पूजा के अवसर पर बव और बालव करण भी बनाए जा रहे हैं। बव करण का निर्माण 08:44 बजे तक है। इस दिन भद्रा सुबह 09.22 बजे तक स्वर्ग में रहेगी। इस योग में मां दुर्गा और भगवान गणेश की पूजा की जाएगी.
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
सूर्योदय – प्रातः 07:15 बजे
सूर्यास्त- 05:48 बजे
चंद्रोदय – प्रातः 11:53 बजे
चंद्रोदय- देर रात 01:19 बजे
पंचांग
ब्रह्म मुहूर्त- सुबह 05 बजकर 27 मिनट से 06 बजकर 21 मिनट तक
विजय मुहूर्त- 02:17 PM से 02:59 PM तक
गोधूलि बेला – शाम 05:46 से 06:19 बजे तक
निशिता मुहूर्त – 12:04 बजे से 12:58 बजे तक